Monday, March 7, 2011

‘ जन लोकपाल नहीं तो वोट नहीं’

‘ जन लोकपाल नहीं तो वोट नहीं’

लखनऊ। भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। जरूरत है इसे सही दिशा देने की। जन आंदोलन के जरिए ही इस सामाजिक कुरीति से निपटा जा सकता है। जन-लोकपाल बिल अगर पास नहीं होता है तो आंदोलन से जुड़े लोग मतदान नहीं करेंगे। नो बिल, नो वोट का नारा देते हुए समाजसेवी अरविंद केजरीवाल ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आयोजित प्रांतीय सम्मेलन में यह बात कही।
रविवार को प्रांतीय सम्मेलन में वक्ताओं ने लोगों से अन्ना हजारे की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलने की अपील की। केजरीवल ने कहा कि जन लोकपाल बिल पास कराने के लिए अन्ना हजारे द्वारा पांच अप्रैल को किए जा रहे आमरण अनशन से सब लोगों को जुड़ना होगा तभी स्वच्छ राजनीति, प्रशासन व समाज को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने व अपने बच्चों के भविष्य के लिए सभी लोग इस दिन अनशन पर रहें और प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर बिल पास करने की मांग करें।
मैग्सेसे सम्मान से सम्मानित एवं आरटीआई कौंसिल ऑफ़ यू. पी.के मार्गदर्शक श्री केजरीवाल ने कहा कि आंदोलन को प्रदेश के सभी शहरों में लोगों के बीच लाया जा रहा है। संगठन द्वारा चलाए गए एसएमएस अभियान से हजारों की संख्या में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग जुड़े हैं जिसमें युवाओं की संख्या अधिक है। भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी की तीन सजा होनी चाहिए। उसकी नौकरी जानी चाहिए, उसे जेल भेजा जाना चाहिए और उसकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए। भ्रष्टाचारियों को इस बात का स्पष्ट संदेश देना होगा कि भ्रष्टाचार करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा।
लोकपाल बिल 1968 से पारित नहीं हो पा रहा है। सरकार इसमें आठ बार संशोधन कर चुकी है। पिछला संशोधन ऐसा था कि बिल पारित करने की मूल मंशा ही पूरी नहीं हो रही थी। जिस वजह से जन लोकपाल बिल तैयार कर केंद्र को दिया गया। केंद्र ने इस बिल पर विचार करना मंजूर कर लिया है और सात मार्च को अन्ना हजारे समेत दस लोगों के प्रतिनिधि मंडल को प्रधानमंत्री ने इस विषय पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है।
 

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