Monday, February 28, 2011

SPEAKER:Harmful Vaccines

RTI COUNCIL OF U.P. HOLDS AWARENESS PROGRAMME


Lucknow-25th Feb-2011, Dr.Niraj Kumar (Margdarshak) of RTICouncil of U.P. gave a brief details of RTI Act to the students of Lucknow University, Department of Social Work, The session lasted for more than 4 Hours.
Students showed their overwhelming interest and were much curious to know "How we can involve ourselves in this mission." Dr. Niraj gave a detailed brief to the students about the "Use of RTI Act in Social Work". and also "through this Act how they can make a Corruption Free Society". This Awareness programme was organised as its first programme by RTICouncil of U.P. in coordination with Dr. Roopesh Kumar Assistant Professor of Department of Social Work, Lucknow University who given a Sound Support in Conduct a Awareness of RTI Act to the Students of MSW and Diploma in Criminology.The students offered their unconditional full support to conduct various RTI awareness studies which the RTICOUNCIL OF U.P. is going to conduct very shortly all over U.P. This will be a Pilot Project of the Council.

Monday, February 21, 2011

जनता से जुड़ी साइटों का बुरा हाल, दस की हालत चिंताजनक-सरकारी वेबसाइटों पर अधूरी जानकारी

जनता से जुड़ी साइटों का बुरा हाल, दस की हालत चिंताजनक
लखनऊ । प्रदेश में भले ही हाईटेक सूचना प्रौद्योगिकी अपनाए जाने का शोर हो लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी विभागों की वेबसाइट आधी अधूरी और गलत जानकारियों से भरी पड़ीं हैं। शासन स्तर पर सरकारी महकमों की वेबसाइट की जांच में पाया गया है कि दस विभागों की साइट की हालत बेहद चिंताजनक है। चेतावनी के बाद भी विभाग वेबसाइट को पूरी तरह अपडेट नहीं कर पाए हैं।
एनआईसी द्वारा तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के बावजूद जिम्मेदार अफसर इसके महत्व के प्रति गैरजिम्मेदार बने हुए हैं। प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसी माह प्रदेश सरकार के 72 विभागों की साइटों की जांच की तो पाया कि दस विभागों की साइट आधी-अधूरी हैं। इनमें बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, कर निबंधन, आवास, सिंचाई, वित्त, खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य, राष्ट्रीय एकीकरण की साइट की स्थिति काफी खराब है।
प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव नवतेज सिंह ने कहा, विभाग अपनी साइट की कमियों को दूर करें। विभागों को कहा जा चुका है कि 16 श्रेणियों में सूचनाएं डाल अपडेट करें।
कई जतन हुए
वेबसाइट की रेटिंग करने की रणनीति बनी। मुख्य सचिव ने तय किया कि जिन वेबसाइट को रेटिंग में चार से कम अंक मिलेंगे उनसे संबंधित विभागों में अफसरों की जवाबदेही तय कर कार्यवाही की जाएगी। पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह भी तय हुआ वेबसाइट हर माह अपडेट करने का जिम्मा विभागीय अफसरों का होगा एनआईसी के भरोसे काम नहीं चलेगा। समय से अपडेशन न हुआ तो विभाग को डिफाल्टर करार दिया जाएगा।
क्यों है जरूरी
वेबसाइट पर आरटीआई एक्ट-2005 के तहत धारा 4 (1)(बी) के तहत संगठन के कर्त्तव्य, नियम, नियंत्रित दस्तावेजों की श्रेणी का विवरण, कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा लिया जाने वाला पारिश्रमिक, योजनाओं व प्रस्तावित खर्च, शासनादेश व जनसूचना अधिकारियों के नाम पते समेत 16 जानकारी देना विधिक बाध्यता है। 
बेसिक शिक्षा विभागशासन की सूचना आधी अधूरी
कर निबंधनवाणिज्य कर की सूचना अपूर्ण
आवास- अपूर्ण सूचना
सिंचाई - अपूर्ण सूचना
खाद्य प्रसंस्करणनिदेशालय की जानकारी आधी अधूरी
अल्पसंख्यक कल्याणजनसूचना अधिकारियों की सूचना ही नहीं
माध्यमिक शिक्षाजन सूचना अधिकारियों की सूचना ही नहीं 
 
http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20110220a_004163008&ileft=-5&itop=80&zoomRatio=130&AN=20110220a_004163008